आचार्य श्री महाप्रज्ञ की पावन जन्मधरा पर आचार्य महाश्रमण के महाव्रती शिष्य तपस्वी संत जय मुनि व मुदित मुनि का साध्वी सूरज प्रभा,साध्वी डॉ लावण्य यशा व साध्वी नैतिक प्रभा का गुरु की पावन जन्मधरा पर आध्यत्मिक मिलन हुआ। जैन साधु जय मुनि व मुदित मुनि उत्तराखंड की हिमालय की दुर्गम पहाड़ियो में चौमासा पूरा कर दिल्ली से विहार करते हुए ,टमकोर की पावन भूमि पर पधारे जहाँ पर उपस्थित श्रावक समाज ने उनका मिठड़ी से लेकर टमकोर तक जुलूस के साथ अभिनंदन किया। जुलूस में महाप्रज्ञ इंटरनेशनल स्कूल व महाप्रज्ञ आईटीआई के बच्चे शामिल हुए। मुनिवृन्द टमकोर में श्रावक रणजीत सिंह कोठारी के घर विराज रहें है।
रणजीत सिंह कोठारी ने बताया कि जय मुनि तपस्वी मुनि हैं जो कि हिमालय की यात्रा कर यहाँ पधारे हैं। इनकी साधना के चर्चे पूरे देश मे चर्चित हैं,मुनि श्री साल भर में केवल एक दिन उपवास व एक दिन आहार करते हैं, दिन भर केवल दो घण्टे बातचीत करते हैं बाकी समय मौन रहते हैं। टमकोर में मुनि श्री का प्रवास अपने आप मे ऐतिहासिक हैं। इस विहार में मुनि श्री के साथ दिल्ली से पदयात्रा करते हुए राजलदेसर निवासी आलोक विनायकिया परिवार सहित सेवा में साथ थे।
इस कार्यक्रम में जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष विजय सिंह टांटिया, विमल चोरडिया,महेंद्र चोरड़िय,कमल चोरडिया, विनोद चोरडिया, प्रवीण नाहटा,अनिल चोरडिया,आनंद चोरड़िया,प्रमोद नाहटा,लोकेश तिवाड़ी,ओमप्रकाश सरोवा,कन्हैया मोहन,मनोज सिंगला, रामचन्द्र शर्मा,सुभाष सहारण,सुभाष जांगिड़,नरेश,रतन वर्मा सहित श्रावक समाज उपस्थित रहा।
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