शेखावाटी विश्वविद्यालय की विद्या परिषद की बैठक में लिया बड़ा फैसला।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय ने बड़ा फैसला लेते हुए तय किया है कि 2021—22 के सत्र से यूजी और पीजी कक्षाओं के विद्यार्थियों को हर साल 20 नंबरों के सत्रांक के लिए असाइनमेंट दिए जाएंगे। जो संबंधित कॉलेज विद्यार्थियों को देगा और उसके नंबर कॉलेज यूनिवर्सिटी को भेजेगा। जो परीक्षार्थी की मार्कशीट में जुड़ेंगे। देश के बड़े यूनिवर्सिटीज में भी यह व्यवस्था है। लेकिन राजस्थान में शेखावाटी यूनिवर्सिटी पहली यूनिवर्सिटी होगी। जिसने इस तरह का कदम उठाया हैं यह फैसला यूनिवर्सिटी की शनिवार को हुई विद्या परिषद की बैठक में लिया गया। यह बैठक कुलपति प्रो. भागीरथसिंह की अध्यक्षता में हुई। जिसमें माननीय कुलाधिपति द्वारा मनोनीत विशेषज्ञ संयुक्त शासन सचिव उच्च शिक्षा ग्रुप विभाग, समस्त संकायाध्यक्ष एवं विभिन्न विषयों के अध्ययन मंडलों के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के कुल सचिव सहित 23 सदस्यों ने हिस्सा लिया। उप कुल सचिव एवं विद्या परिषद के प्रभारी डॉ. रवींद्र कटेवा ने बताया कि बैठक में सबसे बड़ा फैसला लिया गया है कि सत्र 2021—22 से स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं में 20 अंक के सत्रांश की व्यवस्था शुरू की जाएगी। सीधे शब्दों में विद्यार्थी का एक असाइनमेंट दिया जाएगा। जो उसे घर से करके लाना होगा। इसके 20 नंबरों का अधिकार सीधा सीधा असाइनमेंट के आधार पर कॉलेज का होगा। इन 20 नंबरों को हटाकर शेष 80 नंबरों का पेपर अब विद्यार्थियों को देना होगा। वहीं विश्वविद्यालय में प्रवेश नीति बनाने, शैक्षणिक सत्र 2021—22 का अकादमिक कलेंडर, परीक्षा कलेंडर व विवरणिका तैयार करने के लिए कमेटियों का गठन किया गया। इसके अलावा विश्वविद्यालय में पहली बार इक्वीलेंस कमेटी का गठन किया गया। इसके अलावा नई शिक्षा नीति के मुताबिक शेखावाटी विश्वविद्यालय से संबंध कॉलेजों में जहां एनसीसी है। वहां पर उसे पाठ्यक्रम में शामिल करते हुए वैकल्पिक विषय के रूप में संचालित किया जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय में शोध पर्यवेक्षकों व रिसर्च सुपरवाइजरों की नियुक्तियों का अनुमोदन किया गया।
छह साल में नहीं बनी प्रवेश नीति, पर अब देरी नहीं
शेखावाटी यूनिवर्सिटी के उप कुल सचिव व विद्या परिषद के प्रभारी डॉ. रवींद्र कटेवा ने बताया कि यूनिवर्सिटी को स्थापित हुए करीब छह साल हो गए है। लेकिन अभी तक इसकी प्रवेश नीति नहीं बनी है। इसलिए प्रवेश नीति बनाने के लिए संकायाध्यक्षों की एक कमेटी बनाई गई है। वहीं अकादमिक कलेंडर, परीक्षा कलेंडर और विवरणिका भी तैयार करने के लिए विभिन्न संकायों के संकायध्यक्षों एवं परीक्षा समिति को मिलाकर एक समिति का गठन किया गया है।
अब एनसीसी होगा कॉलेज में सब्जेक्ट
डॉ. रवींद्र कटेवा ने बताया कि बच्चों ने राष्ट्र भावना विकसित करने के लिए एनसीसी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात नई शिक्षा नीति में कही गई है। जिसका अनुसरण करते हुए राजस्थान में शेखावाटी यूनिवर्सिटी पहली यूनिवर्सिटी होगी। जहां पर एनसीसी को अब पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। पाठ्यक्रम से मतलब, किसी भी सब्जेक्ट का विद्यार्थी पहले की तरह एनसीसी ले सकेगा। लेकिन अब उसकी मार्कशीट में एनसीसी का उल्लेख भी आएगा और एनसीसी का पाठ्यक्रम भी कॉलेज में पढाया जाएगा। पहले चरण में यह सब्जेक्ट उन्हीं कॉलेजों में दिया जाएगा। जहां पर एनसीसी यूनिट है। इसके बाद इसकी और संभावनाओं पर भी विचार किया जाएगा।
इक्वीलेंस कमेटी से मिलेगा फायदा
शेखावाटी यूनिवर्सिटी ने इक्वीलेंस कमेटी गठन का भी फैसला लिया है। अन्य बोर्डों तथा यूनिवर्सिटी से शेखावाटी यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की पूर्व योग्यता को शेखावाटी विश्वविद्यालय के विषयों की पात्रता को जानने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। जिससे अब फर्जी योग्यता के सहारे प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर अंकुश लगेगा। साथ ही एक क्वालिटी के साथ विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा।
लाखों विद्यार्थियों को मिलेगा फायदा
सत्रांश लागू करना का फायदा शेखावाटी यूनिवर्सिटी के लाखों बच्चों को मिलेगा। डॉ. रवींद्र कटेवा ने बताया कि फिलहाल इस व्यवस्था को रेगुलर विद्यार्थियों के लिए लागू किया गया है। शेखावाटी यूनिवर्सिटी के तहत झुंझुनूं और सीकर जिले में 650 कॉलेजों में करीब छह लाख विद्यार्थी है। लेकिन इनमें से प्राइवेट और एक्स विद्यार्थियों को सत्रांश का फायदा नहीं मिलेगा। वहीं एनसीसी पाठ्यक्रम का लाभ 18 कॉलेजों के विद्यार्थियों को मिल सकेगा। जहां पर वर्तमान में एनसीसी संचालित है।
पीएचडी के लिए भी तैयारियां शुरू
डॉ. रवींद्र कटेवा ने बताया कि शनिवार को बैठक में विश्वविद्यालय में शोध पर्यवेक्षकों व रिसर्च सुपरवाइजरों की नियुक्ति का अनुमोदन कर दिया गया है। जिसके बाद पीएचडी के लिए भी जल्द ही शेखावाटी यूनिवर्सिटी तैयार हो जाएगा।
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