रायमाता मंदिर गांगियासर में एक रास्ते को लेकर उपजे विवाद के बाद संतो की हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस व तय की आगे की रणनीति।
गांगियासर के रायमाता मंदिर की भूमि पर रास्ता बना कर कब्जा करने करने के बाद प्रसासन की एक तरफा कार्यवाही के प्रति आज जिले भर के संतो ने अपना रोष व्यक्त किया। पत्रकार प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए फतेहपुर बुधगिरी मढ़ी के महंत दिनेशगिरी महाराज ने बताया कि उक्त भूमि सरकारी दस्तावेजों में मंदिर प्रशासन के नाम हैं ।मंदिर मूर्ति नाबालिग होती है उसकी जमीन पर प्रशासन या अन्य कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की जोर जबरदस्ती कर कब्जा नहीं कर सकता , ना ही कोई अपना हक जमा सकता है। लेकिन गांगियासर राय माता मंदिर मूर्ति की जमीन पर प्रशासन द्वारा साधु संतों के साथ बदसलूकी कर जबरन रास्ता निकालने का प्रयास किया गया जोकि सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का एक अनैतिक प्रयास है । दिनेश गिरी महाराज ने कहा कि मंदिर मूर्ति की जमीन पर पिछले कुछ वर्षों से कुछ लोगों द्वारा कब्जा कर अतिक्रमण किया गया है, प्रशासन तुरंत प्रभाव से उन अतिक्रमण को खाली करवावे व मंदिर संपति की रक्षा करे। उन्होंने कहा कि राय माता मंदिर से कटान के दो पक्के रास्ते एक मलसीसर तथा दूसरा बिसाऊ के लिए जाता है इसके अलावा अन्य कोई भी कटान का रास्ता नहीं है, बावजूद इसके दो रोज पहले पुलिस व प्रशासन द्वारा बड़ी संख्या में मंदिर का घेराव कर , मंदिर महंत व साधु-संतों को डरा धमका कर कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जबरन रास्ता निकालने के लिए मंदिर परिसर की तारबंदी हटाई । मंदिर ने पहले ही गाव को हॉस्पिटल, विद्यालय, पंचायत भवन व वाटर वक्स के लिये अपनी भूमि से ग्राम विकास के लिए उचित भूमि उपलब्ध करवाई हैं। मंदिर ने हमेशा गांव के पक्ष में ग्राम विकास के लिए कार्य किया हैं परन्तु अब ग्रामीणों के विरोध के बावजूद प्रसाशन ने एक विशेष समुदाय को विशेष लाभ देने के लिये मंदिर की भूमि पर अनुचित कब्जा करवाया हैं। जिसमे प्रशासन का न्यायोचित कार्य न करने का रवैया साफ साफ दिख रहा हैं।
(प्रेस कॉन्फ्रेंस का सम्पूर्ण विडीयो)
वहीँ मंदिर में जूना अखाड़ा परिषद की महामंडलेश्वर करुणागिरी महाराज ने प्रसाशन को साफ साफ चेताया कि यह भूमि मंदिर की भूमि हैं इसका तिल भर भी टुकड़ा किसी को नही दिया जाएगा। इसके लिये सम्पूर्ण संत समाज व हिन्दू वादी संगठन एक साथ है। ग्राम के सार्वजनिक विकास में मंदिर गाव के साथ है परन्तु एक समाज के कुछ व्यक्तियों का निजी स्वार्थ अन्याय पूर्वक पूरा नही होने देंगें। इसके लिए उच्च न्यायालय भी जाना पड़ा तो जायेगें। उन्होंने मंदिर मूर्ति की जमीन पर जबरन रास्ता निकालने की हरकत को शर्मनाक बताते हुए कहा कि संतों का अपमान, मंदिर की जमीन पर कब्जा, धार्मिक हिंसा भड़काने का प्रयास यदि प्रशासन ही करेगा तो फिर आम आदमी की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से संतो को पाबंद किया गया, धमकियां दी गई , गाली गलौच की गई यह संत समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। यदि प्रशासन इस कृत्य को नहीं रोकेगा तो संत समाज को अपनी लड़ाई लड़नी आती है। इस मामले को हम शांतिपूर्ण ढंग से निपटना चाहते है परन्तु प्रसासन की हठधर्मिता के आगे आंदोलन करने को लाचार हैं।
प्रेस वार्ता में षड्दर्शन मंडल के झुंझुनू जिला संरक्षक चेतन नाथ महाराज , रिजानी धाम पीठाधीश्वर ओम नाथ महाराज, गांगियासर राय माता मंदिर महंत दशमी गिरी महाराज व हिंदू युवा वाहिनी प्रदेश मठ मंदिर प्रमुख गणेश नाथ आश्रम के पीठाधीश्वर महंत योगी रविनाथ महाराज ने बताया कि प्रसासन की इस अनुचित कार्यवाही के लिए सोमवार को प्रातः 11 बजे जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने ने सम्पूर्ण समाज से निवेदन किया कि इस कार्यक्रम में सभी सोमवार को एकता का परिचय देते हुए झुंझुनूं पहुंचे।
कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के विभाग सह समन्वय प्रमुख कृष्ण कुमार जानू ने बताया कि इस मामले को लेकर प्रसासन का रवैया गलत हैं। कार्यवाही के विरोध में सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जायेगा जिसमे सभी समाज के लोग कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए भाग ले।
इससे पहले प्रकरण पर मंदिर परिसर में मंदिर महंत दशमगिरी महाराज व विभिन्न आश्रमों से पधारे पीठाश्वर संतो के सानिध्य में विभिन्न सामाजिक,राजनीतिक व हिंदूवादी संगठनों ने बैठक आयोजित की , जिसमे भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, जिलाध्यक्ष पवन मवंड़िया ,भाजपा नेता विशम्भर पुनिया,राजेश बाबल, कमलकांत शर्मा,दिनेश धाभाई,पुनीत बडगुजर, गोरक्षा दल के जिलाध्यक्ष प्रवीण स्वामी, नवल स्वामी ,सुधीर चौमाल आदि ने निर्णय लेकर सर्वसम्मति से एक आंदोलन समिति बना इस प्रकरण को उच्च स्तर पर उठाने का बीड़ा उठाया।
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