गांगियासर के रायमाता मंदिर में कल एक पगडंडि को लेकर उपजे विवाद के बाद समझौता बैठक में प्रशासन का नोकरशाही रवैया आया सामने, बैठक के शुरू होने से पहले ही प्रशासन बैठक छोड़कर निकला। बैठक रही बेनतीजन।
कल गांगियासर के रायमाता मंदिर में एक रास्ते को लेकर मंदिर कमेटी ओर प्रशासन के मध्य वार्ता के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया। जहाँ प्रशासन व कमेटी के मध्य वार्ता शुरू होने से पहले ही नोकरशाह बैठक को छोड़ कर निकल गए। इस वार्ता में मंदिर कमेटी के साथ प्रसाशन की तरफ से मलसीसर एसडीएम, मलसीसर तहसीलदार व बिसाऊ एसएचओ वार्ता के लिए आए तो सही परन्तु वार्ता में उपस्थित मंदिर कमेटी के सदस्यों व विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह समन्वय प्रमुख कृष्ण कुमार जानु ने उनको मंदिर परिसर में जूते न पहन कर आने का आग्रह किया तो वार्ता के लिए आये अधिकारी वहाँ से बिना कोई बात किये ही वापस चले गए।
गौरतलब हैं कि मंदिर के अधीन आने वाली बणी की भूमि पर जब मंदिर प्रशासन मंदिर की तरफ से चलने वाली गोशाला में गोवंश की सुरक्षा के लिये तारबंदी करनी चाही तो गाँव के कुछ विशेष समुदाय के लोगों ने वहाँ एक आम रास्ता बता तारबंदी का विरोध किया और उच्च अधिकारियों से मिलकर रास्ता देने को कहा, जिसके बाद कल जिला प्रशासन से मिले आदेश के बाद प्रशासन ने चार थानों का जाब्ता बुला तारबंदी को हटा दिया। और इस प्रकरण में नो लोगो को शांति भंग में गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने बताया कि गांगियासर निवासी जोगेंद्र सिंह,भरत सिंह, नरेश कुमार, मुकेश भार्गव, नरेश भार्गव, प्रवीण सिंह,विष्णु नाई, दौलत सिंह व नरेश धाबाई को पुलिस ने एकतरफा कार्यवाही कर गिरफ्तार कर लिया।
वहीं मंदिर महंत दशमगिरी महाराज ने प्रशासन पर न्यायोचित कार्यवाही न करने व अनावश्यक दबाव बनाने का आरोप लगाया। वहीँ गणेशनाथ आश्रम के महंत राविनाथ ने इस पूरे प्रकरण में की गई कार्यवाही पर विधायक व जिला कलेक्टर के अनावश्यक दबाब का आरोप लगा लगाया हैं , जबकि सरकारी कागजों में ऐसा कोई रास्ता मौजूद नही है फिर भी एक पक्ष को नाजायज फायदा देने के लिये यह कार्यवाही की गई हैं। यह पगडंडि मंदिर की जमीन में थी, अब मंदिर वहाँ गोवंश की सुरक्षा के लिए तारबंदी करना चाह रहा हैं तो मंदिर का विरोध हो रहा है। महंत जी ने बताया कि गाँव के सार्वजनिक उपयोग के लिए समय समय पर मंदिर की जमीन में से मंदिर ने गाँव को स्कूल व अन्य सरकारी कार्यलयों के लिए जगह उपलब्ध करवाई हैं ताकि गाँव का विकास न रूके परन्तु अब इस प्रकार की कार्यवाही कर प्रशासन एक तरफा दबाब में काम कर रहा हैं। वहीं मौजूद अधिकारी भी पूरे मामले पर चुप्पी साधते रहें और उच्च अधिकारियों के आदेश का हवाला देते रहें।
मामले पर मंदिर कमेटी ने प्रसाशन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रसाशन का रवैया मामले को लेकर नकारत्मक हैं न तो कल कोई अधिकार खुलकर सामने आया और अपनी बात कही,अधिकारी केवल उच्च अधिकारियों के आदेशों का हवाला देते रहे। और आज वार्ता न कर बिना कोई वजह वार्ता में से निकल कर चले गए। यह रवैया केवल मंदिर प्रशासन को परेशान करने का हैं न कि कोई न्यायोचित हल निकालने का हैं।
1 टिप्पणियाँ
Aap kaha ho vikaramji mada ke mandir se rasta nahi Dena
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