जिंदगी बचाने की जदोजहद के बीच जिंदगी को ही लगा रहें है दांव पर। मलसीसर व बिसाऊ में कोरोना वैक्सीन को लगवाने आई बडी संख्या की भीड़ के आगे प्रसाशन के इंतजाम दिखे फेल।
इस भीड़ को देख कर यह लगता हैं कि जैसे यहाँ कोई मेला लगा हो,परन्तु यह नजारा भी किसी मेले से कम नही है। जहां सरकार ने भीड़ इकट्ठा न हो इसके लिए लोकडाउन तक लगा कि रखा हैं वहाँ वेक्सीन के नाम पर इतनी भीड़ का बिना किसी पुख्ता इंतजाम के इकट्ठा होना "दिये के नीचे अंधेरा होना" कहावत को चरितार्थ करता हुआ नजर आ रहा है। सरकार जिस कोरोना को लेकर इतनी गंभीर हैं वहाँ चिकित्सा प्रशासन की स्वयं की नाक के नीचे इतनी बड़ी लापरवाही एक बड़े खतरे का संकेत हैं।
मलसीसर
कोरोना गाइडलाइन की वेक्सीन के नाम पर उड़ाई जा रही हैंं धज्जियां। इस बेकाबू भीड़ को देखकर लगता है कि करोना से लोगों का डर खत्म हो चुका है ,इस भीड़ को देखकर लगता है हम करोना को खत्म करने नहीं जबकि बढ़ाने आए हैं ।
स्थानीय लोगो ने बताया कि मलसीसर प्रशासन कृपया इस पर ध्यान दें और इतने बड़े गांव के अंदर दो या तीन जगह पर टीकाकरण का स्थान होना चाहिए वरना आने वाले समय में यह बहुत ही बड़ा संकट का विषय है।
बिसाऊ
कुछ इसी तरह का नजारा रविवार को बिसाऊ में लगाई जा रही वेक्सीन सेंटर पर दिखा। जहां लोग जटिया अस्पताल में वैक्सीन लगवाने के लिए एक बड़ी भीड़ के रूप में नजर आए।
वेक्सीन के नाम पर साफ साफ कोरोना नियमो की धज्जियाँ उड़ती दिखाई दे रही है । कोरोना वैक्सीन पहुंचने के बाद जटिया अस्पताल में बनाए गए सेंटर के बाहर लोगों की भीड़ बड़ी संख्या में टीका लगवाने के लिए टूट पड़ी। इस दौरान लोगों ने शारीरिक दूरी के नियमों की सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई।
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