प्रतिभा_किसी_की_मोहताज_नही_होती।
थोड़ी देर के लिए भूल जाइए गहलोत-पायलट की लड़ाई को। कोरोना को भी छोड़िए। आज आप प्रकाश मेघवाल से मिलिए।
झुंझुनूं समाचार आज आपके समक्ष पेश कर रहे हैं राजस्थान की एक ऐसी ही प्रतिभा को। जिन्होंने 12 वीं कला वर्ग में राज्य मेरिट में प्रथम स्थान बनाया हैं।प्रतिभा_किसी_की_मोहताज_नही_होती
धोरों में चमका प्रकाश.....
12वीं कला के नतीजों में 99.20 फीसदी अंक लाकर उसने शिखर स्थान हासिल किया है। जानते हैं प्रकाश कौन है? सबसे पिछड़े जिलों में शुमार बाड़मेर की धोरीमन्ना तहसील के छोटे से गांव लोहारवा की सरकारी स्कूल का छात्र है। असली गुदड़ी का लाल। उसके संघर्ष, समर्पण और संकल्प को भी जान लीजिए। पिता चनणाराम निर्माण कार्यों पर मजदूरी करते थे। उनको भी लकवा आ गया तो घर की जैसी भी आर्थिक स्थिति थी, वह भी ध्वस्त हो गई। ड्रेस भी एक ही थी। कब तक साथ देती। फटी ड्रेस में स्कूल जाता रहा। कोई कहता तो बोल देता- सिलाने दी हुई है और अपनी पढ़ाई में फिर जुट जाता। जिनको कुछ बड़ा अचीव करना होता है, वे लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देते। प्रकाश ने न कोई ट्यूशन ली, न ही पास बुक्स के चक्करों में पड़ा। पूरी तरह किताबों पर फोकस किया। प्रकाश की यह सफलता कोई मामूली नहीं है। प्रकाश एक दलित परिवार से है। ये नंबर उसने किसी की कृपा से नहीं, बल्कि अपनी कड़ी तपस्या से हासिल किए हैं। प्रकाश ने दसवीं में भी 97 फीसदी अंक हासिल किए थे। प्रकाश की एक गति होती है। इस प्रकाश की भी वही गति है। उसका सपना है कि वह आईएएस बने और पूरी उम्मीद है कि वह अपना सपना जरूर पूरा करेगा। ऐसी विलक्षण प्रतिभाएं विरले ही होती हैं। उन्हें आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सक्षम लोगों की ही होती है और यह हमारे देश की महान परंपरा भी रही है। झुंझुनूं समाचार प्रकाश को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देता हैं व इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हैं।
आप भी प्रकाश को खूब बधाई दीजिए।।।
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