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नानी बाई के मायरे के बाद आज के युग मे नेठराना के भात(मायरे) ने जीत लिया सब का दिल, पूरा गांव बना बिन भाई और बाप की बेटी का भाती।

इसीलिए कहते हैं,गांव राम होता है ।
नरसी के भात के बाद, आज के युग मे भी मीरा की पुकार सुनी ।
नेठराना के ग्रामवासियों ने सबका मन जीत लिया और एक नई प्रेरणा और नया आदर्श प्रस्तुत कर दिया।
वैसे तो पूरे विश्व में भात (मायरा) के लिए राजस्थान को जाना जाता हैं।
 यहां का नानी बाई का मायरा तो जग प्रसिद्ध है। जब अपने अनन्य भक्त नरसी जी की मदद करने के लिए स्वयं भगवान श्री कृष्ण धरती पर मायरा भरने आए थे। ऐसा ही चरितार्थ अब सामने आया है, भादरा विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव में नेठराना में। यहां भी एक अद्भुत भात (मायरा) देखने को मिला है ।
मिली जानकारी के अनुसार भादरा उपखंड के गांव नेठराना की बेटी मीरा जो सिरसा जिले के गांव जाड़वाला बागड़ हरियाणा में ब्याही हुई है। मीरा का पति भी गुजर चुका हैं । मीरा के सिर्फ दो बेटियां हैं, मीरा के भाई और पिता का साया भी सिर से उठ चुका है। जब मीरा की बेटी यानी नेठराना की भांजी बिटिया की शादी थी। गांव की बेटी मीरा के पिता जोराराम बेनीवाल का बहुत पहले ही देहांत हो चुका है,अविवाहित भाई संतलाल भी गांव की पंजाबी बाबा की कुटिया में रहने लगा ओर वह भी कुटिया में सेवारत रहते इस दुनिया से चल बसा ।
मीरा जब भात का न्योता देने अपने पीहर ने नेठराना पहुंची तो अपने पिता व भाई ना होने का मलाल हुआ। दुखी मन से उस बेटी ने अपने स्वर्गीय भाई की कुटिया को तिलक निकाल दिया और कुटिया को भात का न्योता देकर अपने ससुराल चली गई। जब ग्रामीणों को इस बात का पता चला तो उनका हृदय रो उठा ओर अंतर्मन में भाई और बहन के प्रेम की करुणा जाग उठी। ग्रामीणों ने इकट्ठे होकर निर्णय लिया कि भात भरा जाए।  
ग्रामीणों ने सैकड़ों की संख्या में इकट्ठे होकर लगभग सात लाख नगद का मायरा अन्य बान,कन्यादान व जेवरात-कपड़े समेत करीब दस लाख का भात भरा। गांव की बेटी का भरा गया यह मायरा सोशल मीडिया पर खास और चर्चा का विषय बना हुआ है हर कोई सोशल मीडिया पर नेठराना गांव को धन्यवाद देते हुए मिल रहा है।

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