शनिवार सुबह विभाग के कर्मचारियों ने आकर उसको अपने कब्जे में लिया और उपचार हेतु उसको वन विभाग झुंझुनू ले गए ,जहां उसकी देखरेख की जाएगी।
यह पक्षी जो है वह बड़ा ही दुर्लभ प्रजाति का है इसके संरक्षण हेतु सरकार भी प्रयासरत है। राजस्थानी भाषा मे इसको घुघू बोलते है। टमकोर के अंतिम छोर पर स्थित महाप्रज्ञ इंटरनेशनल स्कूल के पास यह पक्षी कमांडेंट करणी सिंह शेखावत को घायल अवस्था में मिला।
जिसके बाद शेखावत ने उसका थोड़ा बहत उपचार कर उसको रात भर अपने पास रखा सुबह वन विभाग को सूचना कर वन विभाग के कर्मचारियों को सुपुर्द कर दिया।
वन विभाग के कर्मचारी प्रताप सिंह व महेश चंद्र ने टमकोर आकर इस पक्षी को अपने कब्जे में ले लिया। वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि यह पक्षी दुर्लभ प्रजाति का पक्षी है जो देश में बड़ी कम संख्या में पाया जाता है सरकार भी इसके संरक्षण को बढ़ावा दे रही है ताकि इन पक्षियों को बचाया जा सके गांव के लोगों ने हमें सूचना दी हम तुरंत प्रभाव से उसको रेस्क्यू करने के लिए आए ,पक्षी थोड़ा घायल अवस्था में है। उसको उपचार हेतु वन विभाग झुंझुनू को डॉक्टर्स की देखरेख में सुपर्द कर दिया जाएगा।
वन विभाग के कर्मचारियों ने गांव वालों का धन्यवाद देते हुए बताया कि इन पक्षियों के संरक्षण की अति आवश्यकता है क्योंकि यह बहुत ही दुर्लभ प्रजाति के पक्षी हैं।
0 टिप्पणियाँ
अपनी राय यहाँ दर्ज करें।