आखिर कहा जाये जनता जब पुलिस ही ना दे साथ।
ठगी के आरोपी को पीड़ितों ने स्वयं ही पकड़ा:पुलिस ने सहयोग नहीं किया तो खूद ही पकड़ने पहुंचे, आरोपी को पुलिस को सौंपा, पीड़ितों का आरोप- उन्हें भी अपहरण के केस में पुलिस के किया गिरफ्तार।
झुंझुनूं में लाखों की ठगी कर लंबे समय से फरार आरोपी को लोगों ने खुद ही पकड़कर बुधवार को पुलिस के हवाले किया। लोगों ने खुद ही लंबे प्रयास के बाद आरोपी ठग को चौमूं से पकड़ लिया। पीड़ितों ने जब ठग के बारे में झुंझुनू कोतवाली के जांच अधिकारी एएसआई को इसकी सूचना दी। लेकिन एएसआई ने टालमाटोल करते हुये मदद देने से इनकार कर दिया।
पीड़ितों ने कहा कि अगर ऐसा किया तो आरोपी फिर से फरार हो जाएगा। पीड़ितों ने एएसआई से काफी मिन्नतें की। साथ ही चौमूं थाने से मदद दिलवाने के लिये कहा। लोगों का आरोप है कि कोतवाली पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया। उसके बाद पीड़ितों ने खुद ही आरोपी को पकड़ कर कार में बैठा लिया। झुंझुनू के कोतवाली थाने में लाकर पुलिस को सौंप दिया।
कोतवाली में आरोपी को सौंपने के बाद कोतवाली पुलिस ने चौंमू पुलिस को सूचना दी। आरोपी और तीनों पीड़ित कपिल शर्मा, हरि सिंह और राहुल को लेकर कोतवाली पुलिस चौंमू थाने पहुंची। तीनों पीड़ितों को चौमूं थाना पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस आरोपी को कोतवाली थाने झुंझुनू ले आयी। उसके बाद तीनों पीड़ितों को चौमूं थाना पुलिस ने अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। जिनकी जमानत बाद में हुई।
आरोपी है शातिर ठग,पूछताछ में करोडों की ठगी के खुलासे का अनुमान
लाखों की ठगी कर हुए फरार आरोपी श्याम चौहान उर्फ कन्हैया लाल सेन काफी शातिर है। जो नाम बदल कर अलग-अलग जगह रह रहा था। पुलिस के अनुसार परिवादी कपिल शर्मा ने 2 अगस्त को एक मामला श्याम चौहान के नाम के व्यक्ति के खिलाफ दर्ज करवाया था।
मामले के अनुसार श्याम चौहान इंडियन पब्लिक स्कूल के पास हेयर सैलून की दुकान चलाता है। उसने झांसे में लेकर पीड़ित से 15 लाख रुपए ले लिए। इसकी एवज में पीड़ित को एक्सिस बैंक झुंझुनू के चेक और स्टांप दे दिए। आरोपी ने जयपुर के कूकस में अपना एक मकान होना भी बताया। उसके बाद आरोपी अचानक से गायब हो गया।
आरोपी श्याम चौहान का वास्तविक नाम कन्हैया लाल सेन है। जो कि ठगी की वारदात करने का आदतन अपराधी है। कन्हैया लाल सन् 2017 में झुंझुनू के मंडावा मोड़ पर आकर रहने लगा था। इंडियन पब्लिक स्कूल के पास हेयर सैलून की दुकान खोल ली। अपना वास्तविक नाम छुपा कर श्याम चौहान के नाम से यहां रहने लगा। आरोपी ने श्याम चौहान के नाम से ही आधार कार्ड और इसी नाम से अन्य पहचान के दस्तावेज बनाए। कई लोगों को अपने प्रभाव में ले कर अधिक ब्याज देने के लिए राजी कर चार पांच लोगों से करीब 50 लाख से एक करोड़ के बीच नगद रुपए ले लिए। लोगों को विश्वास में लेने के लिए कुछ रकम लौटाई भी और फिर एक बड़ी रकम लोगों से ऐंठ कर आरोपी दुकान का सामान समेटकर यहां से फरार हो गया।
जांच का विषय-इतने फर्जी आईडी कहां से बनवाएं
पुलिस को आरोपी के पास से अलग अलग नाम के आईडी कार्ड भी बरामद हुए हैं। पुलिस के लिए यह भी जांच का विषय है कि आरोपी अलग-अलग नाम से अलग-अलग जगहों पर रह रहा था। आरोपी ने अलग अलग नाम से कई फर्जी पहचान के दस्तावेज बनवाए थे यह दस्तावेज उसने कहां से बनवाएं इसकी भी जांच की जानी चाहिए।
हमारे पेज पर अपने निजी व व्यवसाय संबंधी विज्ञापन प्रकाशित करवाने के लिए संपर्क करे ।
संपर्क सूत्र:- +91-9780257441,8955966609
0 टिप्पणियाँ
अपनी राय यहाँ दर्ज करें।